انصاف ور کی کمی
آج دنیا کے ماحول میں لوگ اتنے مگن ہیں کہ وہ سب کچھ بھول گیا ہے صحیح اور غلط کا امتیاز باقی نہیں رہا سب کچھ پس پشت ڈال کر غفلت کی زندگی گزار رہا ہے اور انصاف کی تو کوئی چرچا ہی نہیں کرتا ہے سماج کے لوگ عدل و انصاف کی باتیں کرنا چھوڑ دیا ہے ہر طرف دھوکہ
دغا اور مکر کی بازار گرم ہے زنا کا ماحول گرم ہے لوگوں کو بے عزت کرنے کے پلاننگ کرتے رہتے ہیں سب سے بڑی بات کہ آدمی کے اندر سے حس کا مادہ ختم ہو گیا ہے سب کے دل مردہ ہو گیا ہے انسان ضرور ہے پر انسانیت ختم ہو گئی ہے انصاف کے مواقع و محل بے شمار ہیں لیکن انصاف کرنے
والے نہیں ملتے ہیں مظلوم فریادی بن کر سب کے دربار پر بار بار جاتا ہے کوئی انصاف ور نہیں ملتے اس کی وجہ کیا ہے جانتے ہیں ایمان کی کمی انسانیت کا خاتمہ
न्याय की कमी
आज की दुनिया में लोग इतने खुश हैं कि सब कुछ भूल गए हैं। सही और गलत में कोई अंतर नहीं है। वे सब कुछ पीछे छोड़ लापरवाही का जीवन जी रहे हैं। उन्होंने न्याय की बात करना बंद कर दिया है। धोखे और छल का बाजार गर्म है हर जगह. आप जानते हैं कि विश्वास की कमी मानवता का अंत क्या है?
न्याय की कमी
आज की दुनिया में लोग इतने खुश हैं कि सब कुछ भूल गए हैं। सही और गलत में कोई अंतर नहीं है। वे सब कुछ पीछे छोड़ लापरवाही का जीवन जी रहे हैं। उन्होंने न्याय की बात करना बंद कर दिया है। धोखे और छल का बाजार गर्म है हर जगह. आप जानते हैं कि विश्वास की कमी मानवता का अंत क्या है?
Lack of justice
In today's world, people are so happy that they have forgotten everything. The distinction between right and wrong is no more. He has stopped talking about justice. The market of deception and deceit is hot
everywhere. The atmosphere of adultery is hot. They keep planning to disgrace people. The heart of man is dead, of course, but humanity is gone. The opportunities an
d palaces of justice are innumerable, but those who do justice are not found. Do you know what the lack of faith is the end of humanity?
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