زبان سیکھنا منع نہیں ہے
دنیا میں انسانوں کے درمیان کافی ساری زبانیں موجود ہیں ہر زبان کے سیکھنے کے وصول و ضوابط ہیں کوئی بھی کسی زبان پر عبور حاصل کر سکتا ہے کوئی روک ٹوک نہیں ہیں انسان زبان کی بنیادی باتوں کا استحضار کر کے اس
زبان پر مہارت حاصل کر سکتا ہے اردو ہو یا ہندی انگلش ہو یا عربی ترکی ہو یا عبرانی وغیرہ سب سیکھ سکتا ہے دقت کی کوئی بات نہیں ساری زبانوں پر عربی زبان کو فوقیت حاصل ہے وجہ یہ اللہ کی زبان ہے رسول کی زبان ہے جنت
کی زبان ہے قیامت کے دن صرف اسی زبان پر عدالت عظمیٰ پر سنوائی ہوگی فیصلے ہونگے زبانوں کے ماہر کوئی بھی ہوسکتا ہے لیکن انسانیت کے مخزن منبع صرف ایک سچا انسان ہی ہوسکتا ہے اس لئے ایک سچا انسان انسانیت والا بننے اور بنانے کی ضرورت ہے
भाषा सीखना मना नहीं है
दुनिया में इंसानों के बीच कई भाषाएं हैं। हर भाषा सीखने के नियम हैं। कोई भी किसी भी भाषा में महारत हासिल कर सकता है। कोई प्रतिबंध नहीं है। भाषा की मूल बातें याद करके आदमी इस भाषा में महारत हासिल कर सकता है। चाहे वह उर्दू हो या हिंदी या अंग्रेजी या अरबी या तुर्की या हिब्रू
आदि। हर कोई सीख सकता है। कोई कठिनाई नहीं है। अरबी सभी भाषाओं में श्रेष्ठ है क्योंकि यह अल्लाह की भाषा है। यह पैगंबर की भाषा है। वही भाषा सुनी जाएगी सुप्रीम कोर्ट। निर्णय होंगे। कोई भी भाषा का विशेषज्ञ हो सकता है, लेकिन मानवता का स्रोत एक सच्चा इंसान ही हो सकता है। इसलिए, एक सच्चे इंसान को बनाने और इंसान बनाने की जरूरत है।
Language learning is not forbidden
There are many languages among human beings in the world. There are rules for learning every language. Anyone can master any language. There are no restrictions. Man can master this language
by memorizing the basics of the language. Be it Urdu or Hindi or English or Arabic or Turkish or Hebrew etc. Everyone can learn. There is no difficulty. Arabic is superior to all languages because it is the language of Allah. It is the language of the Prophet. It is the language of Paradise. The same
language will be heard in the Supreme Court. Decisions will be made. Anyone can be an expert in languages. But the source of humanity can only be a true human being.
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