احساس کی صفت انسان کو سب مخلوقات سے ممتاز کرتا ہے جب تک انسان میں حس باقی ہوتا ہیں وہ ایک فعال قوم سمجھا جاتا ہے یہی خوبی ہے جس سے انسان زندگی کے
نشیب و فراز کو محسوس کرتا ہے پھر اسی حساب سے آگے بڑھتا ہے آدمی میں کمال درجے کا حساسیت عمر کے لحاظ
سے پیدا ہوتا ہے ہم اپنے حس سے ہی مستقبل کے اندر
انقلاب پیدا کرتے ہیں قوم کو فعال اور حساس بنانا ہے تو ایک ایک فرد کو جگانا۔ ہوگا اس کے اندر احساس والی کیفیت پیدا کرنا ہوگا خود انسان اپنی اس طاقت کو
استعمال کر کے دیکھیے اسکی صورت یہ ہو کہ کوئی بھی انسان پریشان ہو یا تکلیف میں دکھ اور درد میں ہو تو ہم
اس کے ساتھ مستعد رہیں تعاون کریں تب ہی ہمارا معاشرہ سماج احساس والی صفت پر عمل پیرا ہو سکتی ہیں اور وہ قوم حس ولی مانی جائے گی
भावना का गुण मनुष्य को सभी प्राणियों से अलग करता है। जब तक मनुष्य के पास इंद्रियां हैं, उसे एक सक्रिय राष्ट्र माना जाता है। यही वह गुण है जिसके द्वारा मनुष्य जीवन के उतार-चढ़ाव को समझता है। उम्र के संदर्भ में पूर्ण संवेदनशीलता
पैदा होती है। हम भविष्य में अपनी इंद्रियों से क्रांतियां पैदा करते हैं।देश को सक्रिय और संवेदनशील बनाना एक समय में एक व्यक्ति को जगाना है। उसके भीतर भावना की स्थिति
पैदा करना आवश्यक है। मनुष्य को स्वयं इस शक्ति का उपयोग करना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या उसकी स्थिति ऐसी है कि यदि कोई व्यक्ति परेशान है या दर्द और
पीड़ा में है, तो हमें तैयार रहना चाहिए और उसका सहयोग करना चाहिए। समाज अनुसरण कर सकता है सामाजिक भावना की विशेषता और उस राष्ट्र को एक समझदार अभिभावक के रूप में माना जाएगा
The quality of feeling distinguishes man from all creatures. As long as man has senses, he is considered to be an active nation. This is the virtue by which man
perceives the ups and downs of life. Perfect sensitivity arises with age. We create revolutions in the future with our own senses. To make the nation active and
sensitive is to awaken one individual at a time. It is necessary to create a state of feeling in him. Man himself should use this power and see if his condition is such that if any person is upset or in pain and
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